प्रचंड जनादेश का संदेश : जाति निरपेक्ष भारत
30 मई 2019 की शाम। रायसीना हिल्स के ऊपर आसमान में लालिमा लिये जब सूरज धीरे-धीरे ढल रहा था तब राष्ट्रपति भवन के मुख्यद्वार पर राजनीतिक जगत का एक नया सूर्य उदित हो रहा था, जो सवा अरब देशवासियों के जीवन में नई आशा और नए विश्वास की एक और नई सुबह लेकर आ रहा था। कोटि-कोटि जनाकांक्षाओं से ऊर्जित श्री नरेन्द्रभाई मोदी पुन: प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे। प्रत्येक भारतीय का हृदय चमन पुष्पित–पल्लवित हो रहा था। लोकतंत्र का यह अद्भुत दृश्य मानस पटल पर अंकित हो रहा था।
राष्ट्रपति भवन के आलीशान प्रांगण में शोभायमान गणमान्य विभूतियों (जिनमें बंगाल से पधारे लोकतंत्र की रक्षा के लिये प्राण न्यौछावर करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजन भी शामिल थे) के सानिध्य में बैठे-बैठे मन स्मृति संसार में विचरण करने लगा। इस प्रचंड जनादेश के संदेश ने मन मोह लिया। वास्तव में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014-19 के दौरान अथक, अतुल और अनवरत परिश्रम कर नव भारत के निर्माण के लिये जो प्रयास किये हैं, वे इतिहास में दुलर्भ हैं। ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र और राष्ट्रवाद व विकासवाद की विचारधारा को केंद्रबिन्दु में रखकर मोदी सरकार ने विगत पांच वर्षों में देश से आतंकवाद और भ्रष्टाचार जैसी ब्याधियों और जातिगत व सांप्रदायिक तुष्टिकरण जैसी बुराइयों को मिटाने का महाभियान सफलतापूर्वक शुरु किया। मोदीजी की शासन शैली ने भाई-भतीजावाद, क्षेत्रवाद और जातिवाद जैसी संकुचित मानसिकता की प्रतीक अलोकतांत्रिक कुप्रथाओं का भी प्रचलन समाप्त किया। एक समय था जब बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं जाति व धर्म पूछकर आतीं थीं। प्रदेश ने,देश ने यह दौर भी देखा है। एक जाति या एक परिवार के लोग ही सरकारी नौकरियों और सरकारी पदों पर आसीन होते थे। मोदीजी की विकासवाद की विचारधारा ने पांच साल में इसे खत्म कर दिया है। उन्होंने ‘जाति-निरपेक्ष भारत’ की नींव डाली है। उनकी कथनी-करनी भेदभावरहित है। मोदी सरकार की सभी नीतियां और कार्यक्रम जाति निरपेक्ष रहे हैं। प्रधानमंत्री जन धन योजना, पीएम किसान योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर स्वच्छ भारत और उज्जवला योजना तक मोदी सरकार की हर योजना जाति, धर्म व क्षेत्र के आधार पर भेदभाव से रहित है। जिस प्रकार सूरज की किरणें सब पर समान रूप से पड़ती हैं, उसी प्रकार मोदी सरकार की नीतियां भी सबके लिये लाभप्रद रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी समदृष्टि रखने वाले राजनीतिज्ञ हैं। न तुष्टिकरणकरण, न पृथक्करण। यही उनका मंत्र है। दुनिया के दिग्गज नेता उनकी शासनशैली के कायल हैं। उन्होंने एक नये भारत की आधारशिला रखी है जो गरीबी, आतंकवाद, भ्रष्टाचार, क्षेत्रवाद और जातिवाद से मुक्त होगा। जिस प्रकार महात्मा बुद्ध ने करुणा और मैत्री का मार्ग दिखाकर समाज को कुरीतियों से मुक्ति दिलायी, अब्राहम लिंकन ने अश्वेतों को दासता से मुक्ति दिलायी, महात्मा गांधी ने अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलायी और नेशनल मंडेला ने रंगभेद से मुक्ति दिलायी ठीक उसी प्रकार श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जातिवाद, वंशवाद और तुष्टिकरण की कुरीतियों से मुक्ति दिला कर एक नए भारत की सुदृढ नींव डाली है। जनता उनके साथ है। जातिगत व धार्मिक तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों को जनता ने नकार दिया है। रायसीना हिल्स शपथ ग्रहण समारोह भी इसका साक्षी बना।