सर्वे भवन्तु सुखिनः
लगभग पांच सदी से चल रहे एक बड़े और बहुप्रतीक्षित विवाद का अंततः सुखद और संतोषप्रद समाधान प्राप्त हुआ। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग अब सम्पूर्ण अवरोधों से मुक्त हो चुका है। मैं इसके लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदरपूर्वक आभार ज्ञापित करता हूँ। अपेक्षा करता हूँ कि सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय सभी पक्षों को शांतिपूर्ण रीति से स्वीकार करना चाहिए।
मैं एक योगी हूँ, मैंने सन्यास लिया है और एक सन्यासी का जीवन सम्पूर्ण मानवता के कल्याण को समर्पित होता है। राजनैतिक दृष्टि से मैंने सदैव हिंदुत्व की राष्ट्रवादी विचारधारा को अंगीकार कर विकास की रीति नीति का अनुपालन किया है, कभी भी इससे समझौता नहीं किया और सर्वे भवन्तु सुखिनः से लेकर वसुधैव कुटुम्बकम के भावों को सदा अनुभूत किया है।
आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मैं इस अवसर पर अपनी भावनाओं को आप सभी से साझा करना चाहता हूँ।
जब मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में दायित्व ग्रहण किया तब वर्षों से तुष्टीकरण की राजनीति के कारण सत्ता के लिए अछूत बनी अयोध्या की उपेक्षा की पीड़ा मेरे मन में बसी हुई थी। अयोध्या की पीड़ा प्रभु श्री राम के वनवास तुल्य पीड़ा थी। मैंने सत्ता सम्भालते ही यह संकल्प लिया कि अयोध्या में विकास और विश्वास की पुनः बहाली करना और प्रभु श्री राम की जन्मभूमि के उद्धार हेतु कानूनी रीति से सतत प्रयत्नशील रहना मेरी प्राथमिकताओं में से एक है। इस कारण से मेरी सरकार ने अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का आरंभ किया।
उत्तर प्रदेश अपनी विविधतावादी परम्पराओं के कारण धार्मिक,सांस्कृतिक रूप से सम्पूर्ण विश्व में विशेष पहचान रखता है। मुझे विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय का प्रत्येक आस्थावान भारतवासी खुले दिल से स्वागत करेगा और सभी पक्षों को इस निर्णय को सहर्ष स्वीकारना भी चाहिए।
तुष्टीकरण की राजनीति के कारण अयोध्या के मुद्दे को कुछ राजनीतिक दलों द्वारा एक सुदीर्घ षड्यंत्र के तहत अति संवेदनशील बनाया गया जबकि यह पूर्ण रूप से आस्था का प्रश्न था। भारत का हर आस्थावान व्यक्ति चाहे वह किसी भी मान्यता का हो, प्रभु श्री राम को अपना पूर्वज मानता है। भारत की धार्मिक सांस्कृतिक विशिष्टता में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम सर्वाधिक अनुकरणीय व्यक्तित्व रहे हैं। आज जब मैं मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हूँ तो इस क्षण मुझे अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज का स्मरण आता है जिन्होंने श्री रामजन्मभूमि आंदोलन में अति महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया था, अक्सर कहा करते थे कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम की न्यायप्रियता, आदर्शानुशासन और समत्व भावना से युक्त त्याग के गुणों का हर सत्ताधारी को अनुकरण करना चाहिए। मैं अपने गुरुदेव की इसी वाणी को आदर्श मानकर प्रदेश की सुरक्षा, शांति और विकास को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानता हूँ।
निर्णय आने के पूर्व प्रदेश में साम्प्रदायिक सद्भाव की रक्षा, प्रदेश के हर सामान्य नागरिक की बिना किसी पूर्वाग्रह या भेदभाव के सुरक्षा और उपद्रवी अराजक और असामाजिक तत्वों पर कठोर निगरानी के साथ नियंत्रण स्थापित करना मेरी सबसे बड़ी चिंता थी। मेरी सरकार ने इस निमित्त समस्त अपेक्षित प्रशासनिक तैयारियां कीं और संभावित चुनौतियों के हर संभव बिंदु पर संवेदनशीलता से विचार किया। प्रदेश में इस निर्णय का कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े इसे मैंने व्यक्तिगत रूप से सुनिश्चित किया। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी का मार्गदर्शन और सहयोग समय समय पर प्राप्त हुआ।
मैं प्रदेश की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि कानून व्यवस्था और सामाजिक सद्भावना के समक्ष चुनौती उत्पन्न करने वाले किसी भी असामाजिक अथवा आपराधिक तत्व से सख्ती से निपटा जाएगा। अपने प्रदेश की 23 करोड़ से अधिक जनता से भावपूर्ण अपील करता हूँ कि आप अपनी एकता, परस्पर सद्भाव और शांति को पूरी तरह बनाये रखें। यह न किसी की विजय है और न किसी की पराजय। यह सत्य और न्याय की उद्घोषणा मात्र है। प्रदेश सरकार की तरफ से मैं आप सभी की शांतिपूर्ण सुरक्षा और विकास का पुनः आश्वासन देता हूँ। मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नए भारत की संकल्पना को संकल्प से सिद्धि तक पहुंचाने के लिए कृतसंकल्पित हूँ और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम की कृपा से हम मिलकर उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश तथा एक भारत - श्रेष्ठ भारत के संकल्प को चरितार्थ करने में सफल होंगें।